मथुरा:जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में साँख्यिकी आँकड़ों के संग्रहण के लिये कार्यशाला व संगोष्ठी का आयोजन कलेक्टेªट सभागार में हुआ

मनीष अग्रवाल

मथुरा:जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में साँख्यिकी आँकड़ों के संग्रहण के लिये   कार्यशाला व संगोष्ठी का आयोजन कलेक्टेªट सभागार में हुआ

मथुरा 17 जुलाई। जिलाधिकारी पुलकित खरे की अध्यक्षता में साँख्यिकी आँकड़ों के संग्रहण के लिये कार्यशाला व संगोष्ठी का आयोजन कलेक्टेªट सभागार में हुआ। जनपद के विभिन्न क्षेत्रों के व्यापार एवं उद्योग बन्धुओं तथा उन क्षेत्रों से सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों की संगोष्ठी व कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। कार्यशाला का प्रमुख उददेश्य सांख्यिकीय आँकड़ों का संग्रहण एवं उच्च स्तरों को ससमय उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में उद्योगपतियों एवं उन क्षेत्रों से सम्बन्धित विभागीय अधिकारियों को जागरूक किया गया।

कार्यशाला में हितधारक अर्थात परिवार कारखाने, दुकानें, छोटे व्यवसाय, स्वास्थ्य देखभाल इकाइयों, क्लब, शिक्षा संस्थान, कानूनी और परिवहन संगठन आदि को आश्वस्त करने की आवश्यकता है कि उनके द्वारा साझा की गई जानकारी का उपयोग उनकी व्यक्तिगत पहचान उजागर किए बिना केवल सांख्यिकीय उद्देश्यों के लिए किया जाएगा।

भारत की आजादी के अमृत काल में मा0 प्रधानमंत्री जी के एक भव्य एवं विकसित भारत निर्माण के प्रण तथा मा0 मुख्यमंत्री जी द्वारा प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाये जाने की संकल्पना को दृष्टिगत रखते हुये प्रदेश में विकास के अलग अलग आयामों को बल प्रदान किये जाने हेतु समग्र रूप से अथक प्रयास किये जा रहे हैं. जिनका वास्तविक प्रतिबिम्ब विभिन्न सर्वेक्षणों के माध्यम से प्राप्त होने वाले आँकड़ों में भी होना परम आवश्यक है।

जनपद में हो रहे निवेश, विनिर्माण के क्षेत्र में उत्पादन निर्माण, सेवा क्षेत्र, व्यापार आदि क्षेत्रों एवं सम्बन्धित विभागों के साथ आपसी समन्वय एवं व्यापक प्रचार-प्रसार होना आवश्यक है। भारत सरकार के कार्यक्रम एवं कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा विभिन्न समाजार्थिक सर्वेक्षणों यथा वार्षिक उद्योग सर्वेक्षण, राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण, एवं नियमित रूप से सम्पूर्ण भारतवर्ष में सम्पादित कराये जा रहे है, जिसमें प्रदेश के अन्तर्गत भी जनपद स्तर पर विभिन्न चयनित इकाईयों का सर्वेक्षण भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा कराया जाता है, परन्तु प्रायः यह देखा जा रहा है कि उक्त सर्वेक्षणों के दौरान सर्वेक्षण की जानकारी के अभाव में प्रतिदर्श इकाईयों से आंकड़ों के संग्रहण में अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाता है, जिससे संग्रहित आँकड़ों का प्रदेश की अर्थव्यवस्था में उनके द्वारा किये जा रहे योगदान वास्तविक रूप से परिलक्षित नहीं हो पाता है।

इस क्रम में जिलाधिकारी ने संगोष्ठी में उपस्थित विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधिगणों से अनुरोध किया है कि जनपद में भारत सरकार व प्रदेश सरकार द्वारा समय-समय पर कराये जा रहे सर्वेक्षणों में आपके स्तर से अपेक्षित सहयोग प्रदान करें। जिलाधिकारी ने बताया कि सर्वेक्षण में एकत्रित होने वाली प्रमुख सूचनाऐं उद्यमों की बुनियादी और परिचालन संबंधी जानकारी, उद्यमों द्वारा की जा रही गतिविधियों की जानकारी, उद्यमों के परिचालन खर्चों की जानकारी, उद्यमों के प्राप्तियों की जानकारी, व्यक्तियों के रोजगार और उद्यमों के श्रमिकों को प्राप्त होने वाली धनराशि के बारे में जानकारी, उद्यमों के स्वामित्व और किराये पर ली गई भूमि एवं अचल संपत्तियों की जानकारी, उद्यमों के बकाया ऋण की जानकारी तथा उद्यमों द्वारा सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के उपयोग की जानकारी।

 सर्वेक्षण में सम्मिलित उद्यम, जिसमें विनिर्माण क्षेत्र के खाद्य उत्पाद, पेय पदार्थ, कपड़ा, फर्नीचर, कागज इलेक्ट्रोनिक्स और मशीनरी उपकरण आदि का विनिर्माण। व्यापार के क्षेत्र में थोक, माल की खुदरा बिक्री, परिवहन, भंडारा, होटल एवं रेस्टोरंेट आदि सम्मिलित उद्यम हैं। सेवा क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य सेवायें, वित्तीय गतिविधियां, व्यक्तिगत सेवायें, एग्रीगेटर्स के तहत काम करने वाले वाहन चालक, चिटफंड, स्वयं सहायता समूह, निवेश क्लब, निजी साहूकारों की गतिविधियां, इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर आदि की गतिविधियां, वितरण सेवाओं की गतिविधियां, व्यक्तियों द्वारा धार्मिक गतिविधियां आदि सम्मिलित हैं।  

कार्यक्रम में मुख्य विकास अधिकारी मनीष मीना, उपायुक्त उद्योग रामेन्द्र कुमार, पीडी अरूण कुमार उपाध्याय, डीएसटीओ अजया चैधरी, राजीव कुमार, उप कृषि निदेशक राम कुमार माथुर सहित विभिन्न व्यापारीगण मौजूद रहे।

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